Description
केसमुत्ति सुत्त या कालाम सुत्त तिपिटक के अंगुत्तर निकाय में स्थित भगवान बुद्ध के उपदेश का एक अंश हैं। बौद्ध धर्म के थेरवाद और महायान सम्प्रदाय के लोग प्रायः इसका उल्लेख बुद्ध के ‘मुक्त चिन्तन’ के समर्थन के एक प्रमाण के रूप में करते हैं।केसमुति सुत्त अधिक बड़ा नहीं है, किन्तु इसका अत्यन्त महत्त्व है। ये सत्ये की कसौटी है , ये वो बात है जो तय करती है की इतने बड़े बौद्ध साहित्य में क्या सही है और क्या विरोधियों की मिलावट है , ये बौद्ध धम्म की जड़ है। यही से आप बौद्ध धम्म को जानना शुरू करो।
इस सूत्र में गौतम बुद्ध कहते हैं: